बंद हुआ एक और Startup, 100Unicorns ने भी लगाए थे पैसे, फाउंडर्स ने बताया क्यों नहीं चला ये Business
केले की खेती पर फोकस करने वाले Agritech Startup Greenikk ने आखिरकार अपना बिजनेस बंद करने का फैसला किया है. कंपनी को लगातार भारी नुकसान हो रहा था और लाख कोशिशों के बावजूद कंपनी को प्रोडक्ट मार्केट फिट (Product Market Fit) नहीं मिल पाया.
केले की खेती पर फोकस करने वाले Agritech Startup Greenikk ने आखिरकार अपना बिजनेस बंद करने का फैसला किया है. कंपनी को लगातार भारी नुकसान हो रहा था और लाख कोशिशों के बावजूद कंपनी को प्रोडक्ट मार्केट फिट (Product Market Fit) नहीं मिल पाया. कंपनी के को-फाउंडर और सीईओ फारूक नौशाद के अनुसार लोन लेने वालों की तरफ से बार-बार डिफॉल्ट होने की वजह से कंपनी का नुकसान बढ़ता ही चला गया.
नौशाद का मानना है कि उनका स्टार्टअप Geenikk एक कम रेवेन्यू वाला स्टार्टअप बन तो सकता है, लेकिन इसकी स्केलेबिलिटी बहुत ही सीमित रहेगी. हालांकि, उन्होंने कहा कि यह फाउंडर्स का विजन नहीं है. उन्होंने कहा कि वह लोगों को 6 करोड़ रुपये तक का लोन दिलाने में कामयाब रहे, लेकिन वह डिफॉल्ट हो गए. बिजनेस तो बढ़ रहा है, लेकिन इक्विटी कैपिटल का नुकसान हो रहा है. नौशाद का कहना है कि इस बिजनेस में उन्हें जरूरत से ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं.
बचे हुए पैसे लौटाए जाएंगे निवेशकों को
Greenikk ने अब तक निवेशकों से करीब 1 मिलियन डॉलर की रकम जुटाई है. इस स्टार्टअप में पैसे लगाने वालों में एक्सीलरेटर वीसी 100unicorns भी शामिल है. इसके अलावा IIM A ventures, Mastermind Capital, Smart Sparks और रेशामंडी के फाउंडर मयंक तिवारी जैसे एंजेल निवेशकों ने भी इसमें पैसे लगाए हैं. अब बिजनेस बंद करने के बाद यह स्टार्टअप बचे हुए पैसों को आंशिक रूप से निवेशको को वापस करेगा.
2020 में हुई थी शुरुआत
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Greenikk की शुरुआत फारूक नौशाद और प्रवीण जैकब ने 2020 में की थी. Greenikk के जरिए दोनों ही केले की खेती के इर्द-गिर्द एक डिजिटल ईकोसिस्टम बनाने की कोशिश में हैं. वह बनाना वैल्यू चेन में आने वाली तमाम परेशानियों से निपटने की कोशिश में थे. इसके तहत किसानों से लेकर प्रोसेसिंग यूनिट और कमीशन एजेंट्स तक को ध्यान में रखा जा रहा था. यह स्टार्टअप किसानों को फाइनेंसिंग, बीज मुहैया कराना, क्रॉप एडवाइजरी, इंश्योरेंस कवरेज, एग्री इनपुट, मौसम का हाल और मार्केट कनेक्ट जैसी सुविधाएं दे रहा था.
लिंक्डइन पोस्ट से किया खुलासा
एक लिंक्डइन पोस्ट में जैकब ने कहा है कि Greenikk प्रोडक्ट मार्केट फिट हासिल नहीं कर सका. उन्होंने कहा कि एक ऐप बनाने और एक ईकोसिस्टम फैसिलिटेटर बनने के बावजूद हमें अधिकतर लोग सिर्फ इस तरह देख रहे हैं कि हम वर्किंग कैपिटल मुहैया कराने वाले एक अन्य वेंडर जैसे हैं.
उन्होंने कहा कि शुरुआत में बहुत सारी इन्क्वायरी आती थीं, जिसे देखकर लग रहा था कि इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है. हालांकि, जब इसकी शुरुआत कर ली गई तो कुछ डील्स के बाद डिमांड कम होने लगी. जैकब का मानना है कि ऐसा होने की सबसे बड़ी वजह ये है कि लोगों के पास पहले से ही वर्किंग कैपिटल के सोर्स थे. हम जितना बिजनेस में आगे बढ़ते गए, हम ये समझते गए कि यह बिजनेस आगे नहीं चल पाएगा.
11:43 AM IST